Thursday, May 14, 2009

चिड़िया घर की सैर

लखनऊ का चिड़िया घर


जैसे ही आप गेट के अन्दर जाने लगेंगे वहाँ पर मुस्तैद पुरूष एवं महिलाओं की एक ब्रिगेड मिलेगी जो आपके सामान की सघन तलाशी लेगी और प्लास्टिक के बैग आपसे लेकर आपको कागज़ के बैग मुहैया कराएगी! कयोंकि प्लास्टिक के बैग हमारे, आपके और पर्यावरण के दुश्मन हैं, जिन्हें खाकर आवारा पशु अक्सर बीमारी का शिकार होते रहते हैं!

गेट के अन्दर जाते ही सबसे पहले मिलती है बच्चों की मनपसंद सवारी "बाल ट्रेन" और जिसकी सवारी के बिना तो बच्चे टस से मस नही हो सकते हैं हों भी क्यों इसकी सवारी है ही इतनी रोमांचक की बच्चे तो बच्चे बड़े बड़े भी इसकी सवारी कराने से नही चूकते हैं! यह ट्रेन पूरे चिडियाघर की सैर कराती है और आप बैठे बैठे पूरा का पूरा चिडियाघर gहूम सकते हैं वह भी बिना थके!









लेकिन बिना नज़दीक से देखे बच्चे कहीं मानने वाले थे, सो बाल ट्रेन के बाद शुरू हुआ पैदल का सफर!
सारा चिडियाघर पैदल घूमा गया और जगह जगह पर फोटो भी मोबाइल से खिचे गए!

यह रहा बैटमैन हाउस
बोटिंग का मज़ा अगर न लिया तो चिडियाघर की सैर अधोरी रह जाएगी
तो दोस्तों कैसी रही चिडियाघर की सैर ? वैसे यह सब प्रयास बच्चों का ही है मोबाइल से फोटो भी उनके द्वारा ही लिए गए!
कुछ फोटो ख़राब हो गए थे इस कारन नही दिए गए! हां बच्चो का पूरा फोकस वे ख़ुद ही रहना चाहते थे सो हर फोटो में वे मौजूद हैं!

1 comment:

  1. अच्छी तस्वीरें हैं.चिडयाघर की सैर खूब रही.
    आप ब्लॉग अपडेट नहीं कर रहे?

    बहुत बहुत शुक्रिया मेरे ब्लॉग 'भारत दर्शन 'पर आने का.

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