हमारा प्यारा शहर लखनऊ बागों के लिए मशहूर है कोई परिचित, रिश्तेदार, दोस्त अथवा गाँव से मिलने के लिए या यूँ कहिए की किसी प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने, किसी राजनीतिक रैली के बहाने लखनऊ घूमने, अपनी लड़की के लिए रिश्ता तलाशने अथवा लखनऊ में किसी बैठक में शामिल होने के लिए हमारे पास आया तो रास्ता पूंछता है कि कैसे आपका घर ढूँढूँगा? ज़रा तफ्शील से बताईएगा क्योंकि लखनऊ तो बहुत बड़ा शहर है कही भटक ना जाऊ हालाँकि आपका मोबाइल नंबर तो है मेरे पास फ़िर भी कहीं नेटवर्क ख़राब हो गया तो दिक्कत हो जायेगी मैंने समझाया कि लखनऊ आते ही आप चारबाग से ऑटो कर लीजिए और बागम हज़रत महल पार्क, ग्लोब पार्क, हाथी पार्क और बुद्धा पार्क होते हुए आइएगा आगे आने पर आपको इमामबाडा और निम्बू पार्क मिलेगा इसी से आगे हमारी सरकारी कालोनी है बिल्कुल आसान है क्या भाई साहब आप पार्कों और बागों के बीच में रहते हैं ? इतने पार्कों के नाम अपने गिना दिये हैं कि लगता है "पता" नहीं पूरे शहर के पार्कों के नाम बता रहे हैं ऐसे बागों के शहर में अब sthaan-स्थान पर रंग बिरंगे पत्थर ही पत्थर दिखाई दे रहे हैं अब यहाँ पर पत्थरों के तराशने का कार्य पूरे जोरो खरोश से चल रहा है! अब फुटपाथ पर लगे हरेभरे पेड़ भी काटे जा रहे हैं पर और वहाँ पर कंक्रीट भरी जा रही है! पता नही हरेभरे शहर को किसकी नज़र लग गई है अभी तक तो हम जैसे लोग सप्ताह के अन्तिम दिन अपने परिवार के साथ किसी न किसी पार्क में घूमने के लिए अक्सर जाया करे थे, परन्तु अब ऐसा नही हो सकेगा क्योंकि जो भी पार्क पहले से बने थे अब वे बदहाल हैं और जो नए बन रहे हैं वह सिर्फ़ पत्थरों से ही सजे जा रहे हैं और उन पार्कों में फिलहाल तो सीमेंट और पत्थरों की धूल ही धूल है भविष्य का भी कुछ पता नही है! हमारा प्यारा शहर अब बागों के स्थान पर पत्थरों में अपनी पहचान खोज रहा सा लग रहा है! मुझे लगता है की यह हालत सिर्फ़ लखनऊ का ही है तो हो सकता है की मई ग़लत होऊं क्योंकि बांकी शहरों का हल तो पाठक ही बता सकते हैं की उनके शहरों का हाल क्या है!
देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें! अंधकार को क्यों धिक्कारें अच्छा हो एक दीप जलाएँ!
Tuesday, February 24, 2009
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सारे शब्द टूटे हुए हैं .... हर शब्द के बाद एक ही स्पेस दें ... अधिक हो जाने से ऐसा होता है.. पढा नहीं जा रहा...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeletebag ko patthar me mat badalane do, narayan narayan
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